हिंदी महिमा
हिंदी दिवस प्रतियोगिता हेतु
,************""""""""**सम्मानित मंच नमन।
सृजन विधा - गीत।
शीर्षक -
*हिन्दी महिमा*
शारद मातु बसें हिन्दी में,
लागे मन चित लेखन में।
सहज ग्राह्यता गुण हिंदी में,
छोड़े छाप अमिट मन में।
जितना प्यारा वतन हमारा,
उतनी प्यारी हिन्दी है।
जितनी प्यारी ललना बिन्दी,
उतनी अनुपम हिन्दी है।
आकर्षण का भरे खजाना,
नित ही अपने लेखक में।
शारद मातु.......
साथ न छोड़े जैसे माता,
देख वही गुण हिंदी में।
रक्षा करती सदा सुवन की,
'सुमन' रजाई ठण्डी में।
प्यारी भारत माता जैसी,
कृपा करे जनजीवन में।
शारद........
अपरिमेय है अपनी हिन्दी,
सच इसका छितिज नहीं है।
अंग्रेजी जग में इठलाती,
वह इसकी तोड़ कहाँ है।
जिसके पालक गणपति सारद,
वह क्यों न बसे जन मन में।
सादर स
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
30-Sep-2022 11:26 AM
Wahhhh wahhhh Bahut hi सुन्दर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ,,,
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आँचल सोनी 'हिया'
21-Sep-2022 12:15 AM
Achha likha hai 💐
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Raziya bano
20-Sep-2022 09:08 PM
Nice
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